हरेक धड़कन में वो मुझको सदा ही याद करती है मेरे खुशियों की खातिर,ईश से फरियाद करती है ! सताकर खूब बचपन में,रुलाया था जिसे मैंने वही बहना दुआओं से,मुझे आबाद करती है!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें