एक दूजे का दर्द बाँटकर जहाँ पे सारे सहतें है! दर्द मिले जहाँ अनवर को तो राम के आँसू बहतें है ! नही मिलेगा राष्ट्र ढूँढलो तुमको भारत-भूमि सा , हिन्दू-मुस्लिम,सिक्ख-ईसाई,मिलजुलकर जहाँ रहतें हैं !!
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