मंगलवार, 7 अगस्त 2018

नही मिलेगा राष्ट्र ढूंढ लो,,,


एक दूजे का दर्द बाँटकर जहाँ पे सारे
सहतें है!
दर्द मिले जहाँ अनवर को तो राम के आँसू
बहतें है !
नही मिलेगा राष्ट्र ढूँढलो तुमको भारत-भूमि
सा ,
हिन्दू-मुस्लिम,सिक्ख-ईसाई,मिलजुलकर
जहाँ रहतें हैं !!

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