शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2019

जलाएँ एक दीप उनके लिए,,,,


वतन के दीपक में कर्तव्य का तेल डाला करतें है !
जिनके दमपर हम कल की उम्मीदें पाला करतें है !
आहुति देतें है अपनी खुशियों का जो हमारे लिए ,
जलाएँ एक दीप उनके लिए जो देश उजाला करतें है!

गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019

जन्मदिन की बधाई नंदिनी

भावों का आवेग है उसमें
तितली जैसी चंचल है
अल्हड़ है बदमाश है थोड़ी
पर गंगा सी निर्मल है
हो जाती है सजल कभी
पर उसको हँसना ही भाता है
उसके अधरों से मुस्कान का
एक अटूट सा नाता है
मुझको मेरे दुखो पर वह
देती अक्सर सम्बल है
कहता है यह कौन मूर्ख
कि नारी होती दुर्बल है
नही जानता क्या है मेरी
दोस्त है या फिर कोई परी
पर बातें उससे करके
होती खुशियों की बेल हरी
आज जन्मदिन पर उसके
मेरे इष्ट अरदास यही
अपनी नन्दिनी को हरदम
कभी देना दुःख की चोंट नही!!

दोहा 2-गौ माता

गौ माता को पालकर,पथ में देते छोड़ !
लक्ष्मी उनके भाग से,लेती है मुख मोड़!!

दोहा 1-माँ

माँ ईश्वर का रूप है,धरती पर साकार !
माँ है तो संसार है,माँ बिन सब बेकार!!

प्यार तू अपार दे,,,

अंधकार में न कहीं,गुम जाए तेरा पुत्र
उंगली पकड़के माँ, मुझको उबार दे !

जात-पात,ऊंच-नीच, के गिरा दीवार सारे
बैर भाव को मिटाके, प्यार तू अपार दे !

बनके कटार करे, देशद्रोही का सँहार
लेखनी को शारदे प्रखर ऎसी धार दे !

सच को सदा ही लिखे,स्वार्थ में कभी न बिके,
राष्ट्रहित में ही मेरी लेखनी को वार दे !!

शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

मौन भला क्यों बैरागी दिखलाई देता है,,,,

यूपी का मौसम खूनी फागी दिखलाई देता है !
दामन तेरा अब हमको दागी दिखलाई देता है !
मांद में घुसकर देख श्रृंगालों ने मारा है सिंह कोई,
तब तेरा ये मौन भला क्यों बैरागी दिखलाई देता है !!

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

नील के सजल-6

नील के सजल-6
विधा-सजल
मात्राभार-20
समांत-अड़ा
पदान्त-है
*-मात्रापतन

  इधर यह अड़ा है ,उधर वह  अड़ा है 20
ये*निर्णय करे कौन, कितना बड़ा है     20

दोनों के हैं तर्क दावे कई हैं 20
संघर्ष मंदिर-मस्जिद पे कड़ा है 20

आती है लज्जा स्वयं आज हमको 20
स्वयं राम अपराधी* बनकर खड़ा है।  20

शुभंकर सभी चिन्ह करते  प्रमाणित 20
मंदिर ही था जो कि नीचे गड़ा है 20

ये मन्दिर नही आम, है जन्मभूमि 20
वो* क्यों पूछते हैं यहां क्या जड़ा है।   20

नक्शे को यूँ फाड़ना क्या दिखाये  20
झूठ का* निश्चित ही फूटता घड़ा है!! 20

कवि सुनिल "नील"
7828927284
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छत्तीसगढ़)

प्रेम को आपने व्यापार कर दिया---नील के सजल

विधा-सजल
मात्राभार-22
समांत-आर
पदान्त-कर दिया

आपने खुशियों को  तार-तार कर दिया22
प्रेम को भी आपने व्यापार कर दिया22

समझा कि  प्रेम करके हम साथ चलेंगे 22
प्रेम में ही आपने क्यों वार कर दिया22

जीवन बना दिया है रसहीन आपने22
पाषाण मुझे ,खुद को रसधार कर दिया

पहले हृदय के तार से हृदय जोड़ कर 22
क्यों दिलों के बीच में दीवार कर दिया 22

समझाऊं अर्थ प्रेम का* कभी तुम्हें प्रिये 22
जिसकी वजह से* दृष्टि आर -पार कर दिया22

कवि सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया
7828927284

सादर समीक्षार्थ

मंगलवार, 15 अक्तूबर 2019

नील के सजल-5

विधा-सजल
मात्राभार-22
समांत-आर
पदान्त-कर दिया

खुशियों को आपने तार-तार कर दिया22
प्रेम को भी आपने व्यापार कर दिया22

समझा था हमने जीवनसाथी तुम्हे 22
प्रेम करके किसतरह का वार कर दिया22

चुसकर रस समूल इस जीवन का तुमने22
मुझे पाषाण खुद को रसधार कर लिया

हृदय से तार हृदय के पहले जोड़कर 22
बाद मध्य हदयों के दीवार कर लिया 22

क्या समझे अर्थ प्रेम का कभी नादान 22
जिसने हमें भूलके निस्तार कर लिया22

कवि सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया
7828927284

नील के सजल-4

विधा-सजल
मात्राभार-18
पदान्त-रहना
समांत-अते

दुख जैसा भी हो हँसते रहना
सदा सत्य पथ में चलते रहना

बाधाएं आती है आने दो
साहस से आगे बढ़ते रहना

आशाएं लाखों  हैं आँखों  में
नित नवल प्रतिमान गढ़ते रहना

रहता गुलाब जैसे शूलों में
तुम भी उसी तरह पलते रहना

तूफानों से कभी मत घबराना
लड़कर दीपक सा जलते रहना !!

कवि सुनिल"नील"
7828927284

घनाक्षरी-तिरंगा नही छोड़तें,,,

सीमाओं के शेर हम एक बार प्रण लेते
साँस थम जाने तक प्रण नही तोड़ते

महाकाल के है भक्त काल से न घबराते
काल से भी लड़ जाते मुख नही मोड़ते

परिवार से भी बड़ा फर्ज है हमारे लिए
स्वार्थ के कभी भी कोई रिश्तें नही जोड़तें

प्राण छूंट जाए भले शत्रुओं से जूझने में
पर हरगिज ये तिरंगा नही छोड़ते !!

सोमवार, 14 अक्तूबर 2019

नील के सजल-3

चोंट जब भी हमें है करारा मिला
द्वार पर तेरे हमको सहारा मिला

प्रेमजल से तेरी प्यास मेरी बुझी
किंतु जग ये सदा हमें खारा मिला

कोशिशें सबने की डुबाने की हमें
इक तुझमें ही हमको किनारा मिला

था अंधेरा चहुओर जब भाग्य में
आपके रूप में एक नजारा मिला

पथ में जीवन के था अकेला बहुत
साथ तेरा है हमको न्यारा मिला !!

गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

थान खम्हरिया में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन आज

"थानखम्हरिया में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन आज"

सरस्वती उत्सव समिति वार्ड क्रमांक 3 ,थानखम्हरिया द्वारा भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व संगीत संध्या  का आयोजन दिनांक(03/10/2019,गुरुवार)को सिन्हा प्रेस के सामने रखा गया है!इस आयोजन हेतु आयोजन समिति सरस्वती उत्सव समिति व युवा जागरण मंच द्वारा प्रचार-प्रसार की सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है!साहित्य नगरी के श्रोताओं व नागरिकों में आयोजन को लेकर बहुत उत्साह है!कुछ माह पूर्व नगर में आयोजित वायस ऑफ खम्हरिया के प्रतिभागी गायक जो फाइनल तक पहुंचें उन सुमधुर गायकों का कार्यक्रम कराओके संगीत संध्या भी शाम 6 से 8 बजे रखा गया है तत्पश्चात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन रात्रि 8 से देर रात्रि तक होगा!इस कवि सम्मेलन में देश के नामी कवि काव्यपाठ करेंगे व हास्यव्यंग्य व काव्यरसों से सबका मनोरंजन करेंगे!आमंत्रित कवियों में देश के विख्यात कवि अमित दुबे(झारसुगुड़ा,उड़ीसा),भावेन्द्र डहरवाल(बालाघाट,मध्यप्रदेश),मनोज शुक्ला(इलाहाबाद),कवयित्री मीरा मृदु(बिलासपुर),रामानंद त्रिपाठी(बेमेतरा) तथा नगर के कविगण राजकमल राजपूत,कमल शर्मा व सुनिल शर्मा "नील"काव्यपाठ करेंगे!इसी तरह कराओके गायकों में भीखू यादव,सुभाष पाटिल,कृष्णा वैष्णव,राकेश तिवारी,अक्षय दुबे,बलराम ठाकुर,अरमान मलिक व सूरज तिवारी होंगे!सोशल मीडिया,फ्लेक्स व मौखिक प्रचार के माध्यम से नगर में इस कार्यक्रम का प्रचार हो चुका है!सभी को बस 4  अकटूबर की प्रतीक्षा है!इस आयोजन में नगर के सभी सामाजिक व  संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिल रहा है इन सहयोगी संस्थाओं में माँ भारती सेवा मंच व वस्त्रदान समिति,थान खम्हरिया,श्री साईनाथ फाउंडेशन थानखम्हरिया,नई सोंच नई पहल थान खमरिया प्रमुख रूप से है!विदित हो कि साहित्य नगरी के नाम से विख्यात थान खम्हरिया में बहुत से कविगण है और पूरे छत्तीसगढ़  में एक अलग पहचान है जो अपने अपने स्तर पर थान खम्हरिया का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रोशन कर रहे है!आमंत्रित कवियो संग नगर के कवियों व गायको  के इस अद्भुत समागम का यह अनोखा कार्यक्रम इससे पहले आजतक  एक साथ आयोजित नही हुआ है!