गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

नील के सजल-6

नील के सजल-6
विधा-सजल
मात्राभार-20
समांत-अड़ा
पदान्त-है
*-मात्रापतन

  इधर यह अड़ा है ,उधर वह  अड़ा है 20
ये*निर्णय करे कौन, कितना बड़ा है     20

दोनों के हैं तर्क दावे कई हैं 20
संघर्ष मंदिर-मस्जिद पे कड़ा है 20

आती है लज्जा स्वयं आज हमको 20
स्वयं राम अपराधी* बनकर खड़ा है।  20

शुभंकर सभी चिन्ह करते  प्रमाणित 20
मंदिर ही था जो कि नीचे गड़ा है 20

ये मन्दिर नही आम, है जन्मभूमि 20
वो* क्यों पूछते हैं यहां क्या जड़ा है।   20

नक्शे को यूँ फाड़ना क्या दिखाये  20
झूठ का* निश्चित ही फूटता घड़ा है!! 20

कवि सुनिल "नील"
7828927284
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छत्तीसगढ़)

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