गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019

जन्मदिन की बधाई नंदिनी

भावों का आवेग है उसमें
तितली जैसी चंचल है
अल्हड़ है बदमाश है थोड़ी
पर गंगा सी निर्मल है
हो जाती है सजल कभी
पर उसको हँसना ही भाता है
उसके अधरों से मुस्कान का
एक अटूट सा नाता है
मुझको मेरे दुखो पर वह
देती अक्सर सम्बल है
कहता है यह कौन मूर्ख
कि नारी होती दुर्बल है
नही जानता क्या है मेरी
दोस्त है या फिर कोई परी
पर बातें उससे करके
होती खुशियों की बेल हरी
आज जन्मदिन पर उसके
मेरे इष्ट अरदास यही
अपनी नन्दिनी को हरदम
कभी देना दुःख की चोंट नही!!

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