मंगलवार, 15 अक्तूबर 2019

नील के सजल-5

विधा-सजल
मात्राभार-22
समांत-आर
पदान्त-कर दिया

खुशियों को आपने तार-तार कर दिया22
प्रेम को भी आपने व्यापार कर दिया22

समझा था हमने जीवनसाथी तुम्हे 22
प्रेम करके किसतरह का वार कर दिया22

चुसकर रस समूल इस जीवन का तुमने22
मुझे पाषाण खुद को रसधार कर लिया

हृदय से तार हृदय के पहले जोड़कर 22
बाद मध्य हदयों के दीवार कर लिया 22

क्या समझे अर्थ प्रेम का कभी नादान 22
जिसने हमें भूलके निस्तार कर लिया22

कवि सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया
7828927284

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