सोमवार, 20 सितंबर 2021

दोहा क्रमांक -7(दोहें देश पर)

दोहा क्रमांक-7

श्वानों की ललकार से, कब डरतें हैं शेर |
होता जब भी सामना, करतें पल में ढेर ||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़

रविवार, 19 सितंबर 2021

दोहा देश पर(06)

प्रणाम मंच
दोहा सृजन- 06

सिंहों की सुन गर्जना, भागे गीदड़ झुंड |
महाकाल सैनिक बने, काट रहे रिपुमुण्ड||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़

दोहा सैनिक पर-4



होकर छलनी देह से, लड़ते हैं 
ये लाल |
सैनिक रखतें है सदा, उन्नत भारत भाल ||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़

दोहा देश व सैनिक पर-5



माँ प्रण है निज देह यह ,भले साथ दे छोड़ |
पर दुश्मन के हौसले, आऊंँगा मैं तोड़ ||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़

दोहा देश पर -3



चौंकस रहतें रातदिन, सहकर लाखों पीर |
तब जाकर बनती कही, भारत की तस्वीर ||

सुनिल शर्मा "नील"
छत्तीसगढ़

सवैया

दोहा देश पर 2



समझा करते देश को, अपना निज परिवार |
जिनके दम से राष्ट्र है, सैनिक वह आधार ||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़

शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

दोहा देश पर-1

जो शोणित के तेल से, देश करे उजियार |
नमन करें आओ उन्हें, शीश झुका शत बार ||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़

मंगलवार, 14 सितंबर 2021

सरल है मान पाना पर कठिन होता पचाना है(मुक्तक)

कमाना है सरल लेकिन कठिन होता बचाना है |
मिटाना है सरल लेकिन कठिन होता रचाना है |
शिखर पर जब कभी पहुँचों,नही इस बात को भूलो,
सरल है मान पाना पर,कठिन होता पचाना है ||

हिन्दी

हिन्दी

हमारी संस्कृति की पहचान है हिन्दी
भारतवासियों का अभिमान है हिन्दी

माता का लाड, पिता का अनुशासन है
शिष्टता का जगत में वितान है हिन्दी

बड़ी मनभावन,बड़ी मीठी,बड़ी सरल
ईश्वर का मनुज को वरदान है हिन्दी

वीरों का शौर्य,सनातन की गाथा है 
सभ्यता का सुंदर उपमान है हिन्दी

छन्द,कविता,गीत,कहानी,गजल, मुक्तक
भावों के प्रकटन का विधान है हिन्दी

तुलसी दिनकर सूर नीरज पंत कबीर
कवि को अमरत्व का वरदान है हिन्दी

मान का एकदिनी ढोंग करने वालों
सहती इससे अतिशय अपमान है हिन्दी

किंचित नारों में नही व्यवहार में लाएँ
ऐसा अब माँगती अभियान है हिन्दी ||

सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया(छत्तीसगढ़)
7828927284

शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

मत्तगयंद सवैया(निज माथ धरे कर दोउ तुम्हारे)

मनहरण घनाक्षरी(जंग किया श्याम ने)

धरा धाम पर धरा जन्म जगपालक ने
द्वेष को मिटाने दिया प्रेम रंग श्याम ने |

वंचितों व पीड़ितों को गले से लगाया सदा
द्वापर में शोषितों का किया संग श्याम ने  |

कंस के नृशंस दंश से थी जगती जो त्रस्त
मान मिटा उसका था भंग किया श्याम ने |

धर्म ध्वज लहराने पाप जड़ से मिटाने
सत्य को सदा जिताने जंग किया श्याम ने ||

सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
8839740208

चौपाई छंद-1 (विषय-जनसँख्या)

चौपाई छंद प्रयास- 1
जनसँख्या

जनसँख्या विकराल बढ़त हे |
धरती ऊपर भार बढ़त हे ||

होत शहर मा भीड़-भाड़ हे |
गाँव सबो होवत उजाड़ हे ||

गायब होवत हावय जंगल |
पानी बर माचत हे दंगल ||

खेत-खार हावय नंदावत |
पाट-पाट उद्योग बसावत ||

तरिया नदिया कुँवा पटागे |
मनखे मा शैतान अमागे ||

चारागाह सबो छेकावत |
गौ माता मन जीव गँवावत ||

बेटी मन ला आप पढावव |
जागरूकता ला फैलावव |

जनसँख्या मा रोक लगावव |
खुद के संग मा देश बढा़वव ||

एक कड़ा कानून बनावव |
जनसँख्या मा रोक लगावव |

तभे नवा भारत बन पाही |
जब सब्बो ये धरम निभाही ||

सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया