सोमवार, 30 अगस्त 2021

कुण्डलिया-हाकी

कुण्डलिया सप्ताह 
सृजन 1

हाकी के इस खेल ने, सदा बढाया मान |
तरस रहा है आज यह, ढूँढ़ रहा पहचान ||
ढूँढ़ रहा पहचान, कभी सिरमौर रहा था |
स्वर्ण दिए कितने, कभी जब दौर रहा था ||
माँगें सबका साथ, बहुत कुछ इसमें  बाकी |
भारत को यह मान ,दिलाएगा फिर हाकी |

सुनिल शर्मा नील

जन्माष्टमी मनहरण घनाक्षरी

धरा धाम पर धरा जन्म जगपालक ने
द्वेष को मिटाने दिया प्रेम रंग श्याम ने |

वंचितों व पीड़ितों को गले से लगाया सदा
द्वापर में शोषितों का किया संग श्याम ने  |

कंस के नृशंस दंश से थी जगती जो त्रस्त
मान मिटा उसका था भंग किया श्याम ने |

धर्म ध्वज लहराने पाप जड़ से मिटाने
सत्य को सदा जिताने जंग किया श्याम ने ||

सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
8839740208

गुरुवार, 26 अगस्त 2021

कज्जल छंद प्रयास -1 व 2

*कज्जल छंद*
*इरखा*
सुधार के बाद

इरखा के दव छोड़ संग |
करवाथे ये सदा जंग ||
सादा के अपनाव ढंग |
मया प्रीत के रँगव रंग ||

*सेना*

सेना आवय हमर शान   |
रहिथे मन मा सदा ठान ||
जावय भलकुन हमर जान|
माटी के झन जाय मान ||

सुनिल शर्मा "नील"

बुधवार, 11 अगस्त 2021

भाले से है स्वर्ण जीत(मनहरण घनाक्षरी)

सबने था पाल रखा सदियों से आँख में जो 
तुमने है पूरा किया आज वह आस  है |

खरे उतरे है दोनों कंधें मजबूत तेरे
चहुओर भारत में दिखता उल्लास है |

भाले से है स्वर्ण जीत लहरा दिया तिरँगा 
जीत लिया देश का "नीरज" विश्वास है  |

प्रेरणा बनेगा कल, सैंकड़ों युवाओं हेतु
काम वो महान कर रचा इतिहास है ||

सुनिल शर्मा "नील"

शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

जलहरन घनाक्षरी(खेलभावना)

प्रीत की परंपरा ही ,   रही सदा भारत की
किसी से कभी भी बैर, ठानते नही है हम |

सत्य, अनुराग सदा , है  हमारी पहचान
बेगुनाहों पर शस्त्र, तानते नही है हम |

खेलभावना के संग ,खेलतें है खेल सदा
छल छिद्र द्वेष कोई ,जानतें नही है हम |

लाख मिले दर्द ,गम , घाव से भरा हो तन
मन से कभी भी हार, मानते नही है हम ||

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)