बुधवार, 11 अगस्त 2021

भाले से है स्वर्ण जीत(मनहरण घनाक्षरी)

सबने था पाल रखा सदियों से आँख में जो 
तुमने है पूरा किया आज वह आस  है |

खरे उतरे है दोनों कंधें मजबूत तेरे
चहुओर भारत में दिखता उल्लास है |

भाले से है स्वर्ण जीत लहरा दिया तिरँगा 
जीत लिया देश का "नीरज" विश्वास है  |

प्रेरणा बनेगा कल, सैंकड़ों युवाओं हेतु
काम वो महान कर रचा इतिहास है ||

सुनिल शर्मा "नील"

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