सोमवार, 30 अगस्त 2021

कुण्डलिया-हाकी

कुण्डलिया सप्ताह 
सृजन 1

हाकी के इस खेल ने, सदा बढाया मान |
तरस रहा है आज यह, ढूँढ़ रहा पहचान ||
ढूँढ़ रहा पहचान, कभी सिरमौर रहा था |
स्वर्ण दिए कितने, कभी जब दौर रहा था ||
माँगें सबका साथ, बहुत कुछ इसमें  बाकी |
भारत को यह मान ,दिलाएगा फिर हाकी |

सुनिल शर्मा नील

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