शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

चौपाई छंद-1 (विषय-जनसँख्या)

चौपाई छंद प्रयास- 1
जनसँख्या

जनसँख्या विकराल बढ़त हे |
धरती ऊपर भार बढ़त हे ||

होत शहर मा भीड़-भाड़ हे |
गाँव सबो होवत उजाड़ हे ||

गायब होवत हावय जंगल |
पानी बर माचत हे दंगल ||

खेत-खार हावय नंदावत |
पाट-पाट उद्योग बसावत ||

तरिया नदिया कुँवा पटागे |
मनखे मा शैतान अमागे ||

चारागाह सबो छेकावत |
गौ माता मन जीव गँवावत ||

बेटी मन ला आप पढावव |
जागरूकता ला फैलावव |

जनसँख्या मा रोक लगावव |
खुद के संग मा देश बढा़वव ||

एक कड़ा कानून बनावव |
जनसँख्या मा रोक लगावव |

तभे नवा भारत बन पाही |
जब सब्बो ये धरम निभाही ||

सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया

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