मंगलवार, 14 सितंबर 2021

हिन्दी

हिन्दी

हमारी संस्कृति की पहचान है हिन्दी
भारतवासियों का अभिमान है हिन्दी

माता का लाड, पिता का अनुशासन है
शिष्टता का जगत में वितान है हिन्दी

बड़ी मनभावन,बड़ी मीठी,बड़ी सरल
ईश्वर का मनुज को वरदान है हिन्दी

वीरों का शौर्य,सनातन की गाथा है 
सभ्यता का सुंदर उपमान है हिन्दी

छन्द,कविता,गीत,कहानी,गजल, मुक्तक
भावों के प्रकटन का विधान है हिन्दी

तुलसी दिनकर सूर नीरज पंत कबीर
कवि को अमरत्व का वरदान है हिन्दी

मान का एकदिनी ढोंग करने वालों
सहती इससे अतिशय अपमान है हिन्दी

किंचित नारों में नही व्यवहार में लाएँ
ऐसा अब माँगती अभियान है हिन्दी ||

सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया(छत्तीसगढ़)
7828927284

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