शुक्रवार, 29 जून 2018

जिंदगी के रंगमंच में,,,

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जिंदगी के रंगमंच में अपना किरदार
निभाते चलो
दोस्त हो चाहे दुश्मन सबको गले से
लगाते चलो!

बड़े भाग्य से मिला है हमें यह
मानव तन
परहित से इस चोले को सफल
बनाते चलो!

मिला है ज्ञान तो सीमित न रखो
खुद तक
अपनी रोशनी से नवदीपों को जग-
मगाते चलो!

बड़े तनाव में रहता है आदमी इस
दौर का
हो सके तो खुद हँसो और दूजों को
हँसाते चलो!

स्वार्थ में अंधें होकर नाश कर रहे हो
प्रकृति का
नष्ट होती पृथ्वी को बचाने वृक्ष तुम
लगाते चलो !

घेरकर चारागाह गौवंश छोड़ रहे मरने
सड़को पर
सिर्फ नारों में नही धरातल पर भी गौ
को बचाते चलो!
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सुनिल शर्मा"नील"
बेमेतरा,7828927284
 
                     

गुरुवार, 28 जून 2018

दिल की बात कलम से,,,,

खुद की धुन में बेखबर बहना सीखा दिया !
तन्हाई में भी उसने मुझे रहना सीखा दिया !
कुछ इस तरह धोखा दिया मोहब्बत में उसने ,
दिल की बात कलम से कहना सीखा दिया !!

पिता ने,,,,

खुद रहे एक जोड़ी में,मुझे महंगा परिधान दिलाया पिता ने !
नाम देकर अपना मुझे,दुनिया में सम्मान दिलाया पिता ने !
खुद रहे अभावों में पर,कभी किसी चीज की कमी न होने दी,
मैं तो नादान पंछी था,उड़ने को खुला आसमान दिलाया पिता ने !

न हो अब निर्भया सा कांड

जो आँखें घूरती है बेटियाँ,उन्हें फोड़ना होगा !
करे जो टिप्पणी भद्दी,सर उनके मरोड़ना होगा !
न हो अब निर्भया सा कांड,कोई भारत की भूमि में
उठे जो हाथ उनकी अस्मतों पर तोड़ना होगा !!


सोमवार, 25 जून 2018

फँसा मझधार में था मैं,,,


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बड़ा तन्हा था जीवन मे,सहारा दे दिया उसने !
फँसा मझधार में था मैं,किनारा दे दिया उसने !
मेरे अधरों के बिसरे गीत,फिर से लौट आए है,
मोहब्बत देके पतझड़ को,बहारा दे दिया उसने !!
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सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया(छ.ग.)
सर्वाधिकार सुरक्षित

बहारा दे दिया उसने.....


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बड़ा तन्हा था जीवन मे,सहारा दे दिया उसने  !
फँसे मझधार को जैसे,किनारा दे दिया उसने  !
मेरे अधरों के बिसरे गीत,फिर से लौट आए है ,
मुहब्बत देके पतझड़ को,बहारा दे दिया उसने !!
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शनिवार, 23 जून 2018

पगों से नाप लोगे

अगर जो ठान लो मन में,गगन को तुम झुका दोगे !
काट पर्वत के छाती को,"युवा"तुम पथ बना दोगे !
पगों से नाप लोगे बन,त्रिविक्रम पूरी सृष्टि को,
है तुममें वो अतुल शक्ति ,नया सूरज उगा दोगे!!






युवा साहस रखो

अगर जो ठान लो मन में,गगन को तुम झुका दोगे !
मरु में जल प्रवाहित कर,चमन सुख का बसा दोगे!
"युवा" साहस रखो गर,राम सा सागर सुखाने का
नही संशय उफनते ज्वार में सेतु बना दोगे !!

सोमवार, 18 जून 2018

समस्यापूर्ति

1. "प्यार करके वो तन्हा छोड़ गया।"

2. बिना हृदय में उतरे गहराई, भला जानोगे कैसे?

3. मुझे रह रहके तेरा मुस्कुराना याद आता है।

4. खुद रहे एक जोड़ी कपड़ों में तुम्हे मनचाहा परिधान दिलाया पिता ने!

5. जो दुःखों को सहकर भी हरदम मुस्काता है!

6. सफर में मिली ठोकरों ने हमें जीना सीखा दिया!

7. कभी कांटों की फसलें बो,नही कोई आम पाता है!

8. मिले कभी लोभ तो कर्तव्य पथ में,मत फिसल जाना!

9. है तेरे पाप इतने कि,कहीं भी धो न पाएगा!

10. तुम ऐसा स्वप्न हो जिसको,
भूलाना चाहता हूँ मैं!

11. अपने हिस्से का निवाला भी खिला देती है

12. अगर कमजोर हो धागे,तो बंधन छूट जाते है!

13. ठोकरों से संभलना हमें आ गया !

काँटो में रहके

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ठोकरों से संभलना हमें आ गया!
तूफानों में लना हमें आ गया!
हर पग पर मिले इतने काँटे मुझे,
काँटो में रहके पलना मुझे आ गया !!
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-सुनिल शर्मा"नील"

मंगलवार, 12 जून 2018

रुलाकर तू मुझे,,,

है तेरे पाप इतने कि ,कहीं भी धो न पाएगा !
गुनाहों का तू यह बोझा,उम्रभर ढो न पाएगा!
मेरे आँखों को दुःखों का,समंदर बाँटने वाले,
रुलाकर तू मुझे खुद चैन से कभी सो न पाएगा !!

मेरे आँखों को,,,

है तेरे पाप इतने कि ,कहीं भी धो न पाएगा !
गुनाहों का तू यह बोझा,उम्रभर ढो न पाएगा!
मेरे आँखों को दुःखों का,समंदर बाँटने वाले,
रुलाकर तू मुझे खुद चैन से कभी सो न पाएगा !!

शनिवार, 9 जून 2018

सफर में मिली ठोकरों ने

गमों की आँच ने आँसुओं को पीना सीखा दिया !
तार-तार जिंदगी को मुस्कान से सीना सीखा दिया!
हम तो जीना भूल चुके थे जाने कबसे याद नही
सफर में मिली ठोकरों ने हमें जीना सीखा दिया !!

बुधवार, 6 जून 2018

तेरा श्रृंगार करके

तेरा श्रृंगार करके मन लुभाना याद आता है !
परस्पर रूठ जाना औ मनाना याद आता है !
जुदा होकर कभी तुझसे जुदा मैं हो नही पाया
मुझे रह-रह के तेरा मुस्कुराना याद आता है !!