बुधवार, 6 जून 2018

तेरा श्रृंगार करके

तेरा श्रृंगार करके मन लुभाना याद आता है !
परस्पर रूठ जाना औ मनाना याद आता है !
जुदा होकर कभी तुझसे जुदा मैं हो नही पाया
मुझे रह-रह के तेरा मुस्कुराना याद आता है !!

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