तेरा श्रृंगार करके मन लुभाना याद आता है ! परस्पर रूठ जाना औ मनाना याद आता है ! जुदा होकर कभी तुझसे जुदा मैं हो नही पाया मुझे रह-रह के तेरा मुस्कुराना याद आता है !!
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