अगर जो ठान लो मन में,गगन को तुम झुका दोगे ! मरु में जल प्रवाहित कर,चमन सुख का बसा दोगे! "युवा" साहस रखो गर,राम सा सागर सुखाने का नही संशय उफनते ज्वार में सेतु बना दोगे !!
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