******************** ठोकरों से संभलना हमें आ गया! तूफानों में चलना हमें आ गया! हर पग पर मिले इतने काँटे मुझे, काँटो में रहके पलना मुझे आ गया !! ********************** -सुनिल शर्मा"नील"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें