मंगलवार, 12 जून 2018

मेरे आँखों को,,,

है तेरे पाप इतने कि ,कहीं भी धो न पाएगा !
गुनाहों का तू यह बोझा,उम्रभर ढो न पाएगा!
मेरे आँखों को दुःखों का,समंदर बाँटने वाले,
रुलाकर तू मुझे खुद चैन से कभी सो न पाएगा !!

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