शनिवार, 30 नवंबर 2019

किसी बेटी की हत्या,,,,

स्वार्थ के बादलों से संवेदनाओं की रोशनी छनती कहाँ है
सियासत की टेंट बिना मतलब कही तनती कहाँ है !
तैमूर के डायपर पर दिनरात चलती है ब्रेकिंग न्यूज यहाँ,
किसी बेटी की हत्या देश में खबर अब बनती कहाँ है !

शनिवार, 23 नवंबर 2019

महाराष्ट्र राजनीति

हाथ में आया हुआ सबकुछ फिसल गया !
रात का अंधेरा पूरा अरमान निगल गया !
बाराती रातभर नाचते गाते रहे शादी में,
सुबह होने पर पता चला दूल्हा बदल गया !!

शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

तरसना भी जरूरी है,,,,


गमों के मेघ आँखों से बरसना भी जरूरी है !
सदा रोना नही अच्छा हरषना भी ज़रूरी है !
जरूरी है नही चाहो जिसे वह सब मुकम्मल हो ,
सदा पाना नही अच्छा तरसना भी जरूरी है !!

गुरुवार, 21 नवंबर 2019

सबसे ऊपर हम रखें प्यारा वतन अपना,,,

भले ही खाक हो जाए ये मिट्टी का
बदन अपना !
कभी उजड़े नही लेकिन ये सुंदर सा
चमन अपना !
न जाति और न मजहब न कोई प्रांत
पहले हो ,
सदा ही सबसे ऊपर हम रखे प्यारा
वतन अपना!!

शनिवार, 9 नवंबर 2019

रामलला पर दोहावली,,,,,,

सपने देखे थे कभी,आज हुए साकार !
मंदिर मेरे राम का,लेगा अब आकार !

खुशियों से भींगे नयन,फूटी है जलधार,
रामलला को मिल गया,मंदिर का अधिकार!!

महलों में थे हम सभी,तंबू में थे राम
पाने में वर्षों लगें,उनको अपना धाम

प्रभु जी के वनवास का,आज हुआ है अंत
नमन सभी के त्याग को,क्या नेता क्या संत

मना रहा है दीवाली,भारत दो-दो बार
न्यायालय के न्याय को,नमन सैकड़ो बार

हिन्दू-मुस्लिम धैर्य को,शत-शत मेरा प्रणाम
अनुशासन अरु प्रेम का,दिया गजब पैगाम

भड़काए जो धर्म पर,उनको मिले जवाब
पसन्द नही यह देश तो,पाक में रहें जनाब

यह कलाम का देश है,रहें यहाँ रसखान
जिनको भारत देश ने,सदा दिया है मान

जिन्ना जैसा व्यर्थ न,करिए आप प्रलाप
भारत सारा जानता,कितने विषधर आप!!



शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

रियासत की खातिर सियासत बदल दी,,,

कब किसका बदल जाए मन पता नही!
यहाँ कौन मलिन है कौन पावन पता नही !
रियासत की खातिर सियासत बदल दी,
इसमें दोस्त कब बन जाए दुश्मन पता नही!!

सियासत के बिसात में,,,

यहाँ कब किसका बदल जाए मन पता नही!
कौन यहाँ मलिन और कौन पावन पता नही !
सियासत के इस खेल में स्वार्थ ही सबकुछ है,
इसमें दोस्त कब बन जाए दुश्मन पता नही!!

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

जिनके नाम लेखन से पत्थर भी ,,,,


दशरथ के पितृत्व,सीता मैया के सतित्व
भरतलाल के महान,प्रण को प्रणाम है !

राम जी के प्रियवर,वीरों में जो है प्रवर
शेषनाग के स्वरूप,लक्ष्मण को प्रणाम है!

भाइयों में है कनिष्ठ,वीर व कर्तव्यनिष्ठ
धीर वीर व गम्भीर,शत्रुहन को प्रणाम है!

जिनके नाम लेखन से,पत्थर भी तैरते है
ऐसे श्रीराम जी के,चरन को प्रणाम है!!

रविवार, 3 नवंबर 2019

आज दिल्ली की कल हमारी,,,,,

आज दिल्ली की कल हमारी बारी है !
हल कुछ नही आरोप प्रत्यारोप जारी है !
गैस चैम्बर बनता जा रहे है शहर सारे ,
यह विकास है या विनाश की तैयारी है !!

रूप घनाक्षरी-रोटियाँ भले ही खाले घास के,,,,

भारती के वीरपुत्र,रण में बहाते लहू
भारती के दूध को,लजाया नही करते

रणभू में बोलती है,शौर्य उनकी सदा ही
शत्रुओं को पीठ वे,दिखाया नही करतें

जीतता पराक्रम या,वरते है काल को वे
स्वाभिमान को कभी,गँवाया नही करते

रोटियां भले ही खा लें,घास के परन्तु 'राणा'
शत्रु के समक्ष सिर,झुकाया नही करते !!

रोटियाँ भले ही खाले घास के,,,,

भारती के वीरपुत्र,रण में बहाते लहू
भारती के दूध को,लजाया नही करते

रणभू में बोलती है,शौर्य उनकी सदा ही
शत्रुओं को पीठ वे,दिखाया नही करतें

जीतता पराक्रम या,वरते है काल को वे
स्वाभिमान को कभी,गँवाया नही करते

रोटियां भले ही खा लें,घास के परन्तु 'राणा'
शत्रु के समक्ष सिर,झुकाया नही करते !!

शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

तुम वतन में भाईचारा

परस्पर लड़ना नही चमन गुलजार बनाये रखना!
अमन व सुकून का महकता संसार बनाये रखना!
मैं डटा रहूँगा अंतिम श्वास तक सीमा की रक्षा में
तुम वतन में भाईचारा का व्यवहार बनायेरखना!!

कवि सुनिल"नील"
7828927284