मंगलवार, 29 जून 2021

मत्तगयंद सवैया-2(माता सीता का हनुमान जी को आशीष)


मत्तगयंद सवैया-2

देवत हौं तव आज अशीष सदा उर राम रहो हनुमाना |
वीर न हो रणधीर न हो हनुमान लला सम कोउ समाना |
नाम रहे जग में गुणधाम कहावव ज्ञानउ 
शील निधाना |
भक्त शिरोमणि पुत्र कहावव होय सदा तुँहरे यशगाना ||


सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)

रविवार, 27 जून 2021

सवैया-1(राम सीता जी प्रथम मिलन)



राम सिया जब बाग मिले तब नैंनन बैन हुए बड़ नाना |
जन्म धरे धरनी हम दोउ रमा हरि देख लिए पहचाना |
धीरज खोय रही इत श्री हिय राघव हेत करे अकुलाना |
नीर बिना तड़पे जस मीन हुए हरि भी उस मीन समाना |

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
8839740208
782892728

मंगलवार, 22 जून 2021

रघुवंश की पुनीत(मनहरण छंद)

नही कभी *काम* हेतु, नही कभी *दाम* हेतु
नही कभी *नाम* हेतु, काज कोई करतें |

नही नारियों के *लाज*, नही नृपों के ही *ताज*
नही किसी का ही *राज* कभी हम हरतें |

रघुवंश की *पुनीत*, *रीत* सदा रही *मीत*
वचन के मान हेतु जीते और मरतें |

देते जग को जो *दंश*, उन पापियों का *ध्वंस*
मेटने को दैत्य *वंश*, आयुध है धरतें ||

सुनिल शर्मा"नील"

बुधवार, 16 जून 2021

सार छंद-3(छन्न पकैया)

छन्न पकैया
सार छंद -3
छन्न पकैया-1
विषय-पर्यावरण

छन्न पकैया छन्न पकैया, आवव पेड़ लगाबो |
धरती दाई ला हरियर कर, जुरमिल चलव सजाबो ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, हवय रूख उपकारी |
माँगय नइ बदला मा काँही, हरथे सब बीमारी ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, मन ला ये हरसाथे |
इही गिरा के रिमझिम पानी, सब के प्यास बुझाथे ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, तीपत भुँइया हे भारी |
आनी बानी के फैलत हे, दुनिया मा बीमारी ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, जल थल हे जहरीला |
करत हवय मनखे धरती मा , रावण जइसे लीला ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, जेन डार मा बइठे |
काटत हावय मानुष ओला, ताकत मा हे अइँठे ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, पाटव झन तरिया ला |
जीव जंतु ला मत मारव अउ, घेरव झन परिया ला ||

छन्न पकैया छन्न पकैया, सब ला चलव जगाबो |
परदूषण के राक्षस ला चल, मिलके हमन भगाबो ||


सुनिल शर्मा
थान खम्हरिया

बुधवार, 2 जून 2021

पिताभक्त मेघनाद (विधाता 9)

सुनिश्चित हार है था जानता फिर भी खड़ा था वह |
पिता के आन की खातिर समर भू में अड़ा था वह |
मरण तय है दशानन पुत्र को यह ज्ञात था लेकिन,
निभाने धर्म बेटे का प्रभो से  जा लड़ा था वह ||