मंगलवार, 29 जून 2021

मत्तगयंद सवैया-2(माता सीता का हनुमान जी को आशीष)


मत्तगयंद सवैया-2

देवत हौं तव आज अशीष सदा उर राम रहो हनुमाना |
वीर न हो रणधीर न हो हनुमान लला सम कोउ समाना |
नाम रहे जग में गुणधाम कहावव ज्ञानउ 
शील निधाना |
भक्त शिरोमणि पुत्र कहावव होय सदा तुँहरे यशगाना ||


सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)

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