रविवार, 31 अक्तूबर 2021

महँगाई

तेल बना गेल खेल रहा धुँआधार खेल
विनती है आपसे कि इसे बोल्ड कीजिए |

जनता लाचार कीजिये विचार सरकार
गर्मी जो इसकी है उसे कोल्ड कीजिए |

करिए उपाय ठोस मानिए हमारी राय
चैप्टर पढ़े बिना न पृष्ठ फोल्ड कीजिए |

रोम आप घूमें किंतु प्रथम सम्हालें होम
मँहगाई बढ़ रही इसे होल्ड कीजिए ||









शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

राम सीता विरह(घनाक्षरी छंद)

सुख के प्रतीक सारे लगतें है दुःखकर
तुम बिन वसुधा ये लगती नाराज है |

चंद्रमा भी लगता है ग्रीष्म सम सूर्य अब
अमृत सी ओस लगे विष सम आज है |

तेरा मेरा प्रेम सिया किससे प्रकट करुँ
मात्र दोनों हृदय ही जानते ये राज है |

हृदय मेरा ये रहता सदा तुम्हारे पास
विरह गिराते प्रति पल एक गाज है ||

सुनिल शर्मा नील

गुरुवार, 14 अक्तूबर 2021

जयकारी छंद 1-- दुर्गा माता

जयकारी छंद
प्रथम प्रयास-1

जय हो माता दुर्गा तोर |
पापी मन के बाढ़त जोर ||
कलयुग आ गे हावय घोर |
बैरी मन के नसबल टोर ||

महिषासुर घर-घर मा आज |
बेटी मन के लूटत लाज ||
चीथत बेटी ला बन बाज |
वध कर ईंकर लाव सुराज ||

करत कोख मा हे चित्कार |
बेटी मन हर करत पुकार ||
लोभी होगे हे संसार |
आ जा दाई ले अवतार ||

बेटा-बेटी एक समान |
अंतर दूनो मा झन जान ||
समझव रे मनखे नादान |
कहलाबे तब तय ईंसान ||

सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया

मंगलवार, 5 अक्तूबर 2021

ऐसे खलनायकों को नायक न मानिए,,,,

रिल और रियल में, फर्क होता है बड़ा ही
अंतर दोनों के मध्य, आप पहचानिए |

गंदे नाले और गंगा को न कहेंगे समान 
निज मन में ये बात, आप सभी ठानिए |

देश धर्म सेवा हेतु, प्राण निज वारतें है
नायक वही है सच्चें, सत्य यह जानिए |

गुटखा शराब बेंच देश को बिगाड़ रहे
ऐसे खलनायकों को, नायक न मानिए ||

सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़