गुरुवार, 11 जून 2015

मनखे परियावरन ले दुरहियावत जात हे

कांक्रीट के जंगल खूब लहलहात हे धूंगिया के चिरई दल के दल उड़ात हे गाँव-गाँव हावे टावर के उंचहा रूख मनखे पर्यावरन ले दुरियावत जात हे डिस्पोजल,झिल्ली के हर गाँव पहाड़ हरियापतरी बिगाड़े के हावे फुल जुगाड़ कतका सफइता इहा के जनता-जनार्दन 60 बछर बाद सरकार सफइ सीखात हे पीये के पानी रोज सड़क म बोहात हे दूसर डाहर जनता हो हल्ला मचात हे कहा ले ओगरावय भुइया पानी जब कुआँ,तरिया ल पाट मनखे घर बनात हे रुख-राई दिन के दिन कटावत जात हे 100 काटत हे तभो एक नइ लगात हे परानवायु देवैया ल मनखे भुलात जात हे तभे गरमी अपन बिकराल रूप देखात हे जंगली जनावर के रहवास ल बिगाड़त हे तभे भाग-भाग उमन बस्ती म आवत हे रोज होत हे मुठभेड़ मनखे अउ जनावरके रोज कोनो न कोनो अपन प्रान गवावत हे परकीर्ती के चालन ह गड़बडावत जात हे परकीर्ति म मनखे के दखल बाढ़त जात हे कइसे नै आही भुकम अउ सुनामी आपदा जब मनखे के स्वारथ गाड़ा म नै अमातहे भगवान घलो परकीर्ती के महिमा गाहे परकीर्ती अउ मनखे ल पूरक बताय हे फेर जब-जब करिस कोनो हद ल पार परकीर्ती वो पापी ल माटी म मिलाहे | सुनिल शर्मा"नील" थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.) 7828927284 9755554470 रचना-11/06/2015 दिन-बिरस्पत

शनिवार, 6 जून 2015

"काबर बेटी मार दे जाथे"

"काबर "बेटी" मार दे जाथे"
कतको सबा,लता,तीजन ह मउत के घाट उतार दे जाथे
देखन घलो नइ पावय दुनिया,गरभे म उनला मार दे जाथे
बेटा-बेटी ल एक बरोबर नइ समझय जालिम दुनिया ह
बेटा पाए के साध म काबर बेटी कुआँ म डार दे जाथे?
काबर बेटी मार दे जाथे?

नानपनले भेद सइथे बेटा ल 'बैट' एला 'बाहरी'मिलथे
काम-बुता म हाथ बटाथे तभो ले बेटी
आघू रहिथे
नाव बढ़ाथे दाई-ददा के अपन मेहनत ले
बपरी मन
तभो 'हीनता' के दलदल म काबर इहि
डार दे जाथे?
काबर बेटी मार दे जाथे?

दूनो कुल के मान बढ़ाथे,दिन भर सबके
सेवा बजाथे
बनथे कभू भाई के राखी ,बनके माँ कभू
धरम सीखाथे
ईंटा गारा के मकान ला अपन मया ले
सरग बनाथे
अइसन त्याग अउ मया करइया 'दुर्गा'
अकसर दुःख ल पाथे
काबर बेटी मार दे जाथे?

जेन बेटा बर अतका मरथव उही अपन
औकात देखाथे
घरफुक्का बनके एक दिन जब बृद्धाश्रम के
नाव बताथे
दूसर डाहर देखव बेटीमन ,बेटा बनके
फरज निभाथे
झन समझव रे निरबल एला ,इही ह एक दिन
पार लगाथे
काबर बेटी मार दे जाथे?

पहली अइसन सोंच ल मारव जउन अइसन
काम कराथे
दूनो आँखी हे एक बरोबर तभो ओमा
भेद बताथे
जेन दाई ह करेहे पैदा का वो काखरो
बेटी नोहय
हे धिक्कार अइसन समाज जउन म बेटी
गरू कहाथे
काबर बेटी मार दे जाथे?

सुनिल शर्मा "नील"
थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
रचना-05/06/2015