गुरुवार, 28 जून 2018

पिता ने,,,,

खुद रहे एक जोड़ी में,मुझे महंगा परिधान दिलाया पिता ने !
नाम देकर अपना मुझे,दुनिया में सम्मान दिलाया पिता ने !
खुद रहे अभावों में पर,कभी किसी चीज की कमी न होने दी,
मैं तो नादान पंछी था,उड़ने को खुला आसमान दिलाया पिता ने !

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