एक दूजे का दर्द बाँटकर लोग जहाँ पर सहते हैं! चोट लगे जहाँ जुम्मन को अलगू के आँसू बहते हैं! नहीं मिलेगा राष्ट्र दूसरा ढूँढलों तुमको भारत सा, हिन्दू-मुस्लिम,सिक्ख-ईसाई,मिलजुलकर जहाँ रहते हैं।।
--सुनिल शर्मा"नील" थानखम्हरिया (छत्तीसगढ़)
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