बुधवार, 8 अगस्त 2018

नही मिलेगा राष्ट्र दूसरा,,

एक दूजे का दर्द बाँटकर लोग जहाँ पर सहते हैं!
चोट लगे जहाँ जुम्मन को अलगू के आँसू बहते हैं!
नहीं मिलेगा राष्ट्र दूसरा ढूँढलों तुमको भारत सा,
हिन्दू-मुस्लिम,सिक्ख-ईसाई,मिलजुलकर जहाँ रहते हैं।।

--सुनिल शर्मा"नील"
     थानखम्हरिया
      (छत्तीसगढ़)

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