गुरुवार, 16 अगस्त 2018

चिरनिद्रा में

टूटके एक दैदीप्यमान तारा आसमान
में कहीं खो गया
प्रेरणा ने जिसकी मुझे कवि बनाया
आज चिरनिद्रा में सो गया!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें