कुंडलिया-4
*बउरव देशी चीज*
●●●●●
बउरव कोई आप झन, कोनो चीनी माल |
नइ तो बनही देश के, ओ जी के जंजाल ||
ओ जी के जंजाल, देश ले हमर कमाही |
ओखर ले बंदूक ,रार वो इहाँ मचाही ||
बउरव देशी चीज,देश के जय तब होही |
भारत होही पोठ, चीन माथा धर रोही ||
●●●●●
सुनिल शर्मा"नील"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें