मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

चौपाल(रोला 12)

रोला 12
*चौपाल*(गुड़ी)
*सुधार के बाद*
●●●●●
लगै नहीं चौपाल, हवय सब घर मा खुसरे |
मया पिरित के गोठ,नहीं कोनो ला उसरे ||
फ़िक़्क़ा लगत तिहार, गली हर हावय सुन्ना |
पूछत हे चौपाल, कभू आही दिन जुन्ना ||
●●●●●
सुनिल शर्मा"नील"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें