मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

खेतिखार(रोला 14)

रोला-१४
*खेती खार*
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बेटा पढ़ लिख आज , बाप के मान गिरावत |
पहिने टाई कोट, ज्ञान पा के अटियावत ||
बाबू मोर किसान, कहे बर आज लजावय |
बूता खेती खार ,नहीं अब ओ हर भावय ||
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सुनिल शर्मा

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