--------–------------------
गरजता है बरसता है,प्रणय मनुहार करता है !
मुझे पाने विनय श्री राम,से सौ बार करता है !
रहूँ जब तक सफर में मैं,न खाता है न पीता है ,
सनम मेरा मुझे खुद से,ज़ियादा प्यार करता है !!
----------------------------
सुनिल शर्मा"नील"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें