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जब भी बरसे बूंदे बैरन,याद सताए साजन
के !
आस मिलन की मन में पाले,तड़पे बिन मनभा
-वन के!
जिसकी पीर वही है जाने,दूजा इसको क्या
समझे,
जब भी प्रीत करेगा कोई,गीत लिखेगा सावन के !!
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सुनिल शर्मा"नील"
7828927284
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