मंगलवार, 3 जुलाई 2018

मेरा दिलबर मुझे,,,


मुक्तक लोक
मुक्तक समारोह -16
आदरणीय अध्यक्षा-श्रीमती सुधा राजपूत दीदी
संरक्षक-श्री सुनिल शर्मा"नील"
व आदरणीय पटल को सादर समर्पित यह प्रयास!
प्रदत्त पंक्ति-
गरजता है बरसता है,प्रणय मनुहार करता है
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गरजता है बरसता है,प्रणय मनुहार करता है!
मेरे गुस्से के बदले वो,मृदु व्यवहार करता है!
रहूँ जब भी सफर में मैं,न खाता है न पीता है
मेरा दिलबर मुझें खुद से ज़ियादा प्यार करता है!!

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सुनिल शर्मा"नील"

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