******************************* अंतस की पीड़ा को अपनी,गीत बनाकर गाता है ! भावों की स्याही से जो,कागज पे कुछ लिख जाता है ! आत्माकथा का लेखांकन,जो काव्यरूप में करता है, ऐसा मानव ही जग में,साहित्यकार कहलाता है !! ********************************
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें