सोमवार, 16 जुलाई 2018

तुम्ही गर रूठ जाओगे!

मेरे दुःख में मुझे हिम्मत,दिलाने कौन आएगा !
चिरागों सा मुझे जलना,सीखाने कौन आएगा !
फँसा जब भी भंवर में मैं,बनी "माँ"तुम सहारा हो,
तुम्ही गर रूठ जाओगी,मनाने कौन आएगा !

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