सरसी छंद-2
दूसर प्रयास
सुधार के बाद
(विषय- कोरोना टीका)
कोरोना के आये टीका, जा के सब लगवाव |
सब जवान अउ सब सियान मन, जिनगी अपन बचाव |
लीलत हवय प्राण ला लाखों, कोरोना बन काल |
उही बाँचही जे अपनाही, ये टीका के ढाल |
भारी मिहनत कर वैज्ञानिक, एला हवय बनाय |
फैलावव अफवाह आप झन, कहत हवय कविराय |
सर्दी खाँसी वाले मन सब, पहिली जाँच कराव |
आय निगेटिव जब रिपोर्ट हर, टीका तब लगवाव |
हफ्ता भर तक रखव ध्यान ला, भीड़-भाड़ झन जाव |
रहव सुरक्षित घर मा सब झन, गरम-गरम सब खाव |
लड़बो जब जुरमिल जम्मों झन, परबो नइ बीमार |
होही जीत हमर भारत के, कोरोना के हार ||
सुनिल शर्मा"नील"
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