रविवार, 4 जुलाई 2021

मत्तगयंद सवैया-4



(अयोध्या वापसी पर लखन लाल से भरत जी  कहतें है)

छाँह बने तुम राघव के अरु त्याग दिए
सुख नींद तिहारो | 
राम-रमा पथ के सब कंकड़ कंटक बीन सदा तुम टारो |
राम सनेह सभी हम पाय नही पर तोर समान दुलारो |
लक्ष्मण भाग बड़े तुँहरे रघुनायक के नित पाँव पखारो ||

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
8839740208

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