*ताटंक प्रयास-1*
*विषय-भ्रष्टाचार*
*(सुधार के बाद*)
*मनखे मन के भेस बना के, बइठे गिद्ध शिकारी हे* |
*भारत माता ला नोंचत सब, पापी भ्रष्टाचारी हे* ||
*अत्याचार करत हे देखव , जेब अपन भर के भारी* |
*लालच के इन हावय रोगी, नइ तो जानय लाचारी* ||
*काम कराये पइसा होना, तब फाइल सरकाथे जी* |
*नैतिकता ले कोसो दुरिहा, रिश्वत इन ला भाथे जी* ||
*रिश्वत सेती अनुकम्पा बर, ठोकर ला विधवा पाथे* |
*पेंशन खातिर नत्थू -फत्तू , आफिस मा गारी खाथे* ||
*बगरे हावय हमर देश मा, लाइलाज ये बीमारी* |
*गाँव शहर आफिस संसद मा, अमरबेल कस गद्दारी* ||
*लोभी मन हा नेता साहब, अउ नौकर सरकारी हे* |
*बाहिर दिखथे देशभक्त अउ, भीतर हिस्सेदारी हे* ||
*जल जमीन जंगल ला बेंचत, ईमन स्वारथ ला भाथे* |
*जुरमिल दानव मन जम्मों झन, गौ के चारा ला खाथे* ||
*संविधान ला कुछ नइ समझय, कभू कहाँ इन डर्राथे* |
*नेता मन के संरक्षण मा, बल जम्मों बैरी पाथे* |
*धन ला सब स्विसबैंक खुसेरत, जनसेवक कहलाथे गा* |
*जानत हे भारत के वोंटर, पइसा मा बिक जाथे गा* ||
*नैतिकता ला बेंच खाय हे, लाज कहाँ इन ला आही* |
*तभे सुधरही अइसन दुख जब , ईखर घर कोनो पाही* ||
*सड़क बाँध पुलिया भसके मा, कतको जीव गँवा जाथे* |
*तभो कहाँ ये पापी मन के, चिटकुन दुख मन मा आथे* ||
*बन्द करव अब लेन देन ला, भ्रष्टाचार मिटाना हे* |
*अपन काम करवाए खातिर, लाइन भले लगाना हे* ||
*उमर कैद के सजा मिलय जे, रिश्वत मा पकड़े जावै* |
* *देवइया लेवइया मन ले, डाँड़ इहाँ बड़का पावै* * ||
*संसद मा सब दल के सुमता , होना बहुत जरूरी हे* |
*रिश्वत लोभी ला रोटी कस , पोना बहुत जरूरी हे* ||
*सुनिल शर्मा"नील"*
*थान खम्हरिया*
*8839740208*
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