रविवार, 3 जनवरी 2021

नील के 5 दोहें

नील के 5 दोहे

दोहा १
*स्वदेशी*
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देशी सबो समान के, करहू जब उपयोग |
होही पोठ स्वदेश हर, सुख पाहीं सब लोग ||
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दोहा २
*संस्कार*
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बिगन ज्ञान संस्कार ला, धूर्रा कस तैं जान |
जइसे मनखे के बिना, कोनो महल विरान ||
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(३)दोहा -३
*पानी*
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जिनगी के आधार ए, पानी हर लव जान |
संरक्षण एखर करव, मिलके सब इंसान ||
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(४)
दोहा-४
*अपर-डिपर*
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अपर-डिपर के करव रे, रतिहा मा उपयोग |
दुर्घटना मा मरत हे, रोज सैंकड़ो लोग ||
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((5)
दोहा-५
*सियान के गोठ*
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सुनके गोठ सियान के, करथे जे हर काम |
बूता ला ओखर सफल, करथे प्रभु श्रीराम
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सुनिल शर्मा"नील"

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