शनिवार, 16 जनवरी 2021

पाखंड(उल्लाला-10)

उल्लाला-८
*पाखंड*
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कलपत मरगे प्यास मा, दाई जब घर तोर रे |
बिरथा हावय बाँटना, शरबत पाछू घोर रे ||
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सुनिल शर्मा

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