शनिवार, 28 नवंबर 2015

मुक्तक(28/11/2015)

             राजभासा
ईमानदार मनखे ल जइसे गरब हे
ईमान म
इज्जतदार मनखे ल जइसे गरब हे
मान म
मोर तो सरबस मोर गुरतुर भाखा
छत्तीसगढ़ी
जतका बोलिहव कम हे ए भाखा
के बखान म|

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया
28/11/2015
CR









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