शुक्रवार, 13 नवंबर 2015

भाई दूज के तिहार

              भाईदूज के तिहार
जब कुमकुम के रंग म ,बहनी मया के
रंग मिलाथे
अउ माथ म भाई के चाउर संग म तिलक
लगाथे
हवा घलो मीठ लगथे जब भाई-बहनी संग मुस्काथे
इही मया के मुसकान ,तब संगी 'भाई-दूज' कहाथे|

आरती उतार भाई के बहनी सुग्घर आसीस मांगथे
भाई घलो कुछु न कुछु बहनी के हाथ आज मढ़ाथे
करथे अपन बचन के सुरता जउन दे रिहिस राखी म
जिनगी भर संग दुहु कहिके बहनी ल बिसवास देवाथे|

एक दिन अइसन आथे बहिनी मइके छोड़
चले जाथे
चिरई कस जिहां कूदय अंगना ल वो सुन्ना
कर जाथे
फेर हिरदे के मया कहाँ रुकथे देस-परदेस
ले संगी
कोनो कोंटा रहय दूनो झन फेर दू दिन संग
म बीताथे|

सुनिल शर्मा 'नील'
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
13/11/2015
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