गुरुवार, 5 नवंबर 2015

मुक्तक(5/11/2015)

समझदार को इशारा काफी....
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नमकहराम एक हकला सबको राह दिखाने निकला है
असहिष्णुता का देश में सारे आग लगाने
निकला है
याद रहा जिसे सिर्फ कराची,उत्तराखंड-
भुज भूल गया
जिसके रग-रग में मक्कारी धरम सिखाने
निकला है|
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📝सुनिल शर्मा 'नील'
   थान खम्हरिया,बेमेतरा
   7828927284
   05/11/2015
  ©®

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