मोर पंख
शनिवार, 13 मार्च 2021
विधाता छंद(मुक्तक -प्रतीक्षा)
हमारी जिंदगी हरपल यहाँ पर इक
परीक्षा है |
समय के हाथ से होनी यहाँ सबकी
समीक्षा है |
कठिन कुछ भी नहीं जग में अगर तुम
ठान लोगे तो,
मगर हर लक्ष्य पहले माँगती हमसे
प्रतीक्षा है ||
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