कुंडलिया-8
*आरक्षण*
सुधार के बाद
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बनथे सदा चुनाव मा, आरक्षण हथियार |
नेता मन के आय ये, जीते के आधार ||
जीते के आधार, जीभ ले जहर घोरथे |
जात-पात मा बाँट, देश ला हमर टोरथे ||
इरखा के बों बीज, भेद के गड्ढा खनथे |
स्वारथ बर सब आज, लोग मन नेता बनथे |
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सुनिल शर्मा
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