शुक्रवार, 12 मार्च 2021

विधाता छंद-जीवन

सदा जीवन हमारा यह परीक्षा माँगती 
हमसे |
किये हर कार्य की हर पल समीक्षा माँगती 
हमसे |
कठिन कुछ भी नही पौरुष से सबकुछ है सुलभ जग में ,
मगर हर लक्ष्य पहले इक प्रतीक्षा माँगती 
हमसे ||

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