शनिवार, 3 अगस्त 2019

गजल-शूल पर चलता रहा,,,

1)हौसला जब पीर को हमने बनाया।
   फूल पत्थर में खिलाकर जग हँसाया।

2)शक्ति हो बाहों में तो दुनिया तुम्हारी
   सूत्र हमको जिंदगी ने यह सिखाया !

3)शूल पर चलता रहा जो होकर अविचल
   आसमां कदमों तले उसने झुकाया !

4)था भरोसा जिनपे हमको सबसे ज्यादा
   सबसे ज्यादा दिल उन्होंने ही दुखाया !

5)कौन अपना और पराया जिंदगी में
  मुफलिसी ने हमको आकर है बताया !

6)आफतों को गालियाँ दो इस तरह न
   इसने ही हमको तपा कुंदन बनाया !

7)सत्य का करता सदा जो अनुसरण है
   वह सदा रहता है तन्हा हमने पाया!

8)हँसने वालों चोंट पर औरों के सुनलो
   वक्त से कोई कहा भला बच हैं पाया !

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