शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

हौसला जब पीर को-गजल

1)हौसला जब पीर को हमने बनाया।
   फूल पत्थर में खिलाकर जग हँसाया।

2)शक्ति हो बाहों में तो दुनिया तुम्हारी
   सूत्र हमको जिंदगी ने यह सिखाया !

3)कौन अपना और पराया जिंदगी में
   मुफलिसी ने हमको आकर है बताया !

4)आफतों को गालियाँ दो इस तरह न
  इसने ही हमको तपा कुंदन बनाया !

5)पथ के शूल पे चला होकर जो अविचल
   आसमा कदमों तले उसने झुकाया !

6)सत्य का करता सदा जो अनुसरण है
    वह सदा रहता अकेला हमने पाया!

7)सम रहा जो दुःख व सुख की स्थिति में
बस उसे ही जिंदगी हरक्षण है भाया !!

   

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मापनी : 2122  2122  2122
काफ़िया : आया  ,
रदीफ़ : बिना रदीफ़ के
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