रविवार, 18 अगस्त 2019

एक दिन आराम का,,,

नाहक चिंता क्यों करता है विश्राम का !
कर्म कर बंदे न सोंच तू अंजाम का !
कुछ ऐसा कर कि जमाना याद रखे तुझे,
आखिर में आना है एक दिन आराम का !!

सुनिल शर्मा"नील"

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