शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

चक्रधारी आइए,,,

मार रहे कंश आज गर्भ में ही शिशुओं को
कंशों को मिटाने फिर अवतारी आइए !

लूट रही कितनी ही द्रौपदी के चीर यहाँ
चीर को बचाने फिर गिरधारी आइए !

कलयुगी वासना से प्रेम हुआ कलुषित
प्रेम को सीखाने फिर बनवारी आइए,

दुष्टों के दल हानि धर्म की है कर रहे
धर्म स्थापना को फिर चक्रधारी आइए !!

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