सोमवार, 12 अगस्त 2019

जो कहते थे गंवारा एक पल तुम बिन नही साथी,,,,,

हुआ करतें थे हमसाया वही अब दूर बैठें है  !
बने किसी और की आंखों के अब वो नूर बैठें है !
जो कहते थे गंवारा एकपल तुबिन नही साथी ,
वफ़ा ठुकरा मेरी किसी और संग मगरूर बैठें है !!

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