गुरुवार, 22 अगस्त 2019

मुक्तक-अंतिम पथ तक साथ चले,,,,,

मेरे गुण अवगुण संग मुझको दिल से अंगीकार करे !
साथ रहे जो हर सुख-दुख में,साए सा व्यवहार करें !
हाथ पकड़कर सम्बल दे जो,जब मैं गिरने लग जाऊँ
अंतिम पथ तक साथ चले जो,वह ही मुझसे प्यार करे !!
16-14

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें